भारत की पहली बुलेट ट्रेन का फर्स्ट फेज:100 KM का पुल तैयार, 250 किमी तक पिलर खड़े किए; मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी

नई दिल्ली1 वर्ष पहले
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पहले बुलेट ट्रेन को 2022 तक चलाए जाने का टारगेट था। फिर इसे बढ़ाकर 2023 किया गया। अब 2026 तक इसके शुरू होने की उम्मीद है। - Dainik Bhaskar
पहले बुलेट ट्रेन को 2022 तक चलाए जाने का टारगेट था। फिर इसे बढ़ाकर 2023 किया गया। अब 2026 तक इसके शुरू होने की उम्मीद है।

भारत के बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के पहले फेज का काम तेजी से जारी है। इसमें 100 किमी का पुल तैयार हो चुका है। 250 किमी तक पिलर खड़े किए जा चुके हैं। देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापानी PM शिंजो आबे ने 14 सितंबर 2017 को अहमदाबाद में इस प्रोजेक्ट का इनॉगरेशन किया था। इस प्रोजेक्ट का नाम मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर रखा गया है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार 23 नवंबर को बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की झलक दिखाने वाला एक वीडियो शेयर किया। साथ ही प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी भी शेयर की।

गर्डर्स की मदद से 100 किमी तक वायडक्ट का निर्माण पूरा नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ( NHSRCL) के मुताबिक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत 40 मीटर लंबे फुल स्पैन बॉक्स गर्डर्स और सेगमेंट गर्डर्स को जोड़कर 100 किमी तक वायडक्ट (Viaduct) का निर्माण किया जा चुका है। वायडक्ट एक पुल जैसा स्ट्रक्चर होता है, जो दो पिलर को आपस में जोड़ता है।

इस प्रोजेक्ट के तहत गुजरात की 6 नदियों पार (वलसाड जिला), पूर्णा (नवसारी जिला), मिंधोला (नवसारी जिला), अंबिका (नवसारी जिला), औरंगा (वलसाड जिला) और वेंगानिया (नवसारी जिला) पर पुल का निर्माण हो रहा है।

गुजरात में पहली पहाड़ी सुरंग तोड़ने का काम भी पूरा गुजरात के वलसाड जिले में 350 मीटर की पहली पहाड़ी सुरंग को तोड़ने का काम पूरा हो चुका है। 70 मीटर लंबाई का पहला स्टील पुल गुजरात के सूरत जिले में बनाया गया है। यह उन 28 स्टील पुलों में से पहला है, जो मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर (MAHSR) का हिस्सा होगा।

प्रोजेक्ट की कॉस्ट 1.08 लाख करोड़ रुपए
प्रोजेक्ट की कॉस्ट 1.08 लाख करोड़ रुपए

मुंबई-अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन 508 किमी का सफर तीन घंटे में तय करेगी। अभी दुरंतो दोनों शहरों के बीच का सफर साढ़े पांच घंटे में तय करती है। बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की कॉस्ट 1.08 लाख करोड़ रुपए है। यह प्रोजेक्ट मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (MAHSR) कहलाता है।

12 स्टेशन, 350 kmph स्पीड, 3 घंटे का सफर

  • मुंबई-अहमदाबाद रूट पर बुलेट ट्रेन की मैक्सिमम स्पीड 350 किमी/घंटा होगी। अभी मुंबई-अहमदाबाद के बीच नॉर्मल ट्रेन से दूरी 7-8 घंटे की है।
  • अगर बुलेट ट्रेन 12 स्टेशनों पर रुकेगी तो 3 घंटे में 508 किमी का सफर पूरा करेगी। यानी एवरेज स्पीड 170 किमी/घंटा होगी।
  • अगर 4 ही स्टेशनों मुंबई, अहमदाबाद, सूरत और वड़ोदरा पर रुकेगी तो दो घंटे में सफर पूरा कर लेगी। ऐसे में एवरेज स्पीड 254 किमी/घंटा होगी।
  • इस रूट पर 12 स्टेशन मुंबई, ठाणे, विरार, भोइसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वड़ोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती हो सकते हैं। इनमें मुंबई स्टेशन अंडरग्राउंड होगा।

बुलेट ट्रेन का 7 किमी हिस्सा समुद्र के अंदर होगा

  • 508 किमी के रूट में से 351 किमी हिस्सा गुजरात और 157 किमी हिस्सा महाराष्ट्र से गुजरेगा। कुल 92% यानी 468 किमी लंबा ट्रैक एलिवेटेड रहेगा।
  • मुंबई में 7 किमी का हिस्सा समुद्र के अंदर होगा। 25 किमी का रूट सुरंग से गुजरेगा। 13 किमी हिस्सा जमीन पर होगा। बुलेट ट्रेन 70 हाईवे, 21 नदियां पार करेगी। 173 बड़े और 201 छोटे ब्रिज बनेंगे।
  • शुरुआत 10 कोच वाली 35 बुलेट ट्रेनों से होगी। ये ट्रेनें रोजाना 70 फेरे लगाएंगी। एक बुलेट ट्रेन में 750 लोग बैठ सकेंगे। बाद में 1200 लोगों के लिए 16 कोच हो जाएंगे। 2050 तक इन ट्रेनों की संख्या बढ़ाकर 105 करने का प्लान है।

पहली बुलेट ट्रेन 2026 में शुरू चलेगी पहले बुलेट ट्रेन साल 2022 तक चलाए जाने का टारगेट था। फिर इसे बढ़ाकर 2023 किया गया। इसके बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब 2026 तक इसके चालू होने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट में भारत को जापान से मदद मिल रही है।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक, सूरत से बिलिमोरा के बीच पहली बुलेट ट्रेन चलाने का टारगेट रखा गया है। ऐसा होते ही भारत 15 देशों के एलीट क्लब में शामिल हो जाएगा, जिनके पास हाईस्पीड ट्रेन नेटवर्क है।

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